मणिपुर हिंसा

 मुख्यमंत्री एन.बीरेन का इस्तीफा


मणिपुर हिंसा में एक और जहां सरकार अपनी और से सब प्रकार की कोशिश कर रही है, ताकि हिंसा को कैसे भी रोका जा सके, मगर हर दिन की हिंसा व हत्या की आ रही खबरें कुछ और ही बयां कर रही हैं या यूं कहें कि ये सब केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयासों की पोल खोल रही हैं। 

manipur hinsa



हाल ही की खबर के मुताबिक मणिपुर में तीन लोगों के हताहत होने की खबर सामने आ रही हैं।

मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात को लोग उनके इस्तीफे से जोड़कर देख रहे थे, मगर उन्होनें साफ कर दिया है कि वो अभी के हालातो को यूं ही छोडकर इस्तीफा देने के बारे मे नही सोच रहें हैं। 



बीरेन जब राज्यपाल से मुलाकात के लिए जाने लगे तो वहां मौजूद भीड के कारण उन्हें वापस लौट जाना पडा। इसके बाद एक ट्वीट के माध्यम से लोगो को ऐसा आश्वासन दिया कि वो अभी इस्तीफा नहीं दे रहें है। 


कुछ समय बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री के नेतृत्व में कुछ मंत्री सभा को संबोधित करने के लिए बाहर आए, मंत्री सुसिंद्रो मेईतेई ने इस्तीफा पत्र पढ़ा, जिसे राज्यपाल को सौंपा जाना था, इसके बाद वहां एकत्रित कुछ महिलाओं को यह पत्र दे दिया गया, जिन्होंने उसे फाड़ दिया


सरकारी प्रवक्ता और मंत्री सपम रंजन सिंह ने कहाए ष्मुख्यमंत्री आवास पर वापस आने के बाद हमने उनसे लोगों की इच्छा को देखते हुए इस्तीफे पर पुनर्विचार करने का अनुरोध कियाण् मुख्यमंत्री को समझाने के बाद कुछ मंत्री लोगों को यह बताने के लिए बाहर गए कि वह इस्तीफा नहीं देने के लिए सहमत हो गए हैं


रिपोर्टों के मुताबिक, हत्याओं के विरोध में गुरुवार शाम को सैकड़ों लोग कथित तौर पर सड़कों पर एकत्र हो गए, जिससे इंफाल मेगासिटी के केंद्र में नया तनाव पैदा हो गया।


शाम को महानगर के मध्य में ख्वायरमबंद महिला में  एक शव लाए जाने के बाद तनाव बढ़ गया। इसके बाद इंफाल के कई गलियारों से बड़ी संख्या में भीड़ वहां जमा हो गई थी। एकत्रित महिलाओं ने हिंसा को समाप्त करने में विफल रहने के लिए बीरेन सिंह सरकार की आलोचना करते हुए नारे लगाए।

नो वर्क नो पे में संशोधन

मणिपुर में जारी गतिविधियों के मद्देनजर सरकार ने वहाँ नो वर्क नो पे का ऐलान किया था, जिसमे संसोधन करते हुए अब फैसला लिया गया है कि मतै व कुकी जनजाति के लोग अपने इलाको में हाजिरी दे सकते हैं, मगर यह भी सफल होता नही दिखाई देता है।

यहाँ कुकी जनजाति के लोगो की दिक्कत यह है कि ज्यादातर सरकारी दफ्तर मणिपुर घाटी में है, जो मतै लोगो का गढ़ है, इसलिए इनमे जाने से कुकी लोगो को डर लगता है, व इनका कहना है कि वहाँ जाना मतलब मौत के मुँह में जाने के बराबर है।


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