भारत में लोकसभा चुनाव

 भारत में लोकसभा चुनाव-2024


election 2024



 विश्व के सबसे बडे़ लोकतंत्र में आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए रण का बिगुल बज चुका है। 

अलग-अलग पार्टिया अपने-अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आने वाले चुनावो के लिए रणनीति पर विचार कर रहे हैं, ताकि आने वाले चुनावों के दौरान उन्हें जनता का विश्वास प्राप्त हो तथा वे सरकार बनाने में कामयाब हों। 

भारत में सत्ताधारी भाजपा ने 2024 के चुनावों के लिए अभी से दम भरना शुरू कर दिया है, जिसका असर भी देखा जा सकता है, कि अभी से 2024 के चुनावों का माहौल बनना शुरू हो गया है। 

एक और जहां बाकी की पार्टियां लोकल चुनावों की रणनीति ही बनाती नजर आ रही हैं, वहीं दूसरी और भाजपा ने अपने लोगों को संगठीत कर काम पर लगा दिया है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति को लोकतंत्र के इस त्यौहार से जोड़ा जा सके तथा सभी की भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके। 

राहुल गंधी की भारत जोड़ो यात्रा

राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा को 2024 के लोकसभा चुनावों के साथ जोड़कर देखना गलत नहीं होगा, जिस जोश के साथ राहुल ने इस यात्रा को पूरा किया था, उससे साफ है कि वो भी आने वाले चुनावों के बारे में अपने मुकाबले वाले लोगों को साफ संदेश देना चाहते है।


भाजपा का मोदी मित्र अभियान


बीजेपी की और से चलाया जाने वाला यह अभियान लोकसभा चुनावो की एक बेहतर तैयारी को दर्शाता है जो भाजपा के दूरदर्शी रवैये को उजागर करता है, भाजपा मित्र अभियान मुख्यतः अल्पसंख्यक समुदाय के चलाया गया है, इसके लिए किसी को भी प्रार्टी की सदस्यता लेने की जरूरत नहीं होगी बल्कि उसे केवल भाजपा की नीतियों का समर्थक होना होगा। 

इस अभियान से हर कोई जुड़ सकता है, चाहे वह किसी भी तबके या वर्ग का क्यों ना हो । इसके लिए प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए 500 से 600 मोदी मित्र तैयार किये जा चुके हैं, जो आने वाले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए अहम फैसला साबित होगा।


पसमांदा मुस्लमानों का हित


आने वाले लोकसभा चुनाव में पसमांदा मुस्लमान भी एक बड़ा मुद्दा हो सकते हैं, जैसा कि नरेन्द्र मोदी ने अपने हाल के चुनावी भाषण के दौरान उनका जिक्र भी किया है। 

कौन हैं, पसमांदा मुस्लमान

भारत में पसमांदा मुस्लमान अपनी कुल आबादी का 85 प्रतिशत हैं, मगर ये अभाव में जीने के लिए मजबूर हैं। 

पसमांदा मुस्लमान भले ही संख्या बल में ज्यादा हो मगर इसके बावजूद भी राष्ट्रीय मंच पर इनकी आवाज उठाने तक के लिए इनके पास संगठनों में अपने संख्या बल के अनुसार शक्ति नहीं हैं। 

ये लोग सामान्यतः मोची, मिस्त्री, ठेले वाले या अन्य तरह के छोटे मोटे काम से अपना गुजारे चलाने वाले लोग हैं, मगर इस बार अपने भाषण में इनका जिक्र करके भाजपा ने इनके लिए भी शायद अलग आयाम खड़े कर दिये हैं। 


 विपक्षी दलों की बैठक 

भारत में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर एक और जहां भारतीय जनता पार्टी ने अभी से अपनी तैयारी को धार देना शुरू कर दिया है वहीं दुसरी और विपक्षी पार्टियां भी एकजुट होकर किसी भी प्रकार से आने वाले चुनावों में जनता का समर्थन हासिल करने के लिए जी जाने से तैयारी कर रही है। 

इसी  के तहत कांग्रेस की अगुवाई मंे बिहार में एक बैठक के बाद फिर से यह बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरू में आयोजित की जायेगी, जिसमें 2024 के लिए सभी पार्टियां एक साथ आने वाले चुनावों की रणनिती तैयार करेंगी। इस बार की बैठक में सोनिया गांधी भी इसका हिस्सा होगी, जो आने वाले चुनावों को लेकर नयी योजनाऔ के बारे में बात कर सकती है।                                                       

विपक्षी दलों की मीटिंग पर प्रधानमंत्री का रिएक्शन्स

प्रधानमंत्री ने 18 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पोर्ट ब्लेयर के वीर सावरकर एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, जिसमे उन्होंने विपक्षी दलों के सम्मेलन पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी दल केवल वही काम करते हैं, जिनसे उनका या उनके परिवार का फायदा हो, इससे आगे वे ओर कुछ नही सोचते, इसके कारण ही आज हमारा आदिवासी समाज इतना पीछे है वे लोग विकास के लिए तरसते है।

Pm ने आगे कहा कि यह तो भ्रष्टाचार का सम्मेलन है, कुछ लोगो ने अपनी दुकानें खोल ली हैं, हमारी सरकार ने अंडमान निकोबार के लिए करीब 48 हज़ार करोड़ रुपये का बजट दिया है।

महागठबंधन इंडिया

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की मीटिंग में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों के नए नाम का ऐलान कर दिया गया है, अब 2024 में ये सभी पार्टियां इंडिया नाम के बैनर तले आने वाले चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का सामना करेंगी।



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