Manipur viral video

मणिपुर में महिला को निर्वस्त्र कर घुमायाः-

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मणिपुर में मतैई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिये जाने के कोर्ट के फैसले ने मानों वहां एक ऐसे गतिरोध को जन्म दे दिया है, जो रूकने का नाम नहीं ले रहा है। 

मणिपुर में दो समुदाय कुकी और मतैई कई महीनो से यह विराध प्रदर्शन कर रहें हैं, एक और जहां कुकी जनजाति इस फैसले के विरोध में तो एक और मतैई समुदाय इसके पक्ष में विरोध कर रहा है, मगर इनसब के बीच वहां की आबादी जिनमें बच्चे, बुढे, औरते आदी सभी के लिए यह सब कुछ जैसे किसी बुरे सपने की तरह साबित होता जा रहा है। 

विराध प्रदर्शन के नाम पर किस प्रकार एक समुदाय के लोग दूसरे को नीचा दिखाने के लिए इस हद तक नीचे गीर चुके है कि अब वे वहां के निर्दोष लोगों पर जुल्म ढहाने पर उतारू हो गये हैं। 

ऐसे ही एक ताजा मामले की बात करे जो इसी विरोध प्रदर्शन के दौरान का बताया जा रहा है, इसमें कुछ असामाजिक तत्वों को देखा जा सकता है जो वहां की औरतो ंको अपने कपडे उतारने के लिए कहते हैं और ऐसा न करने पर उन्हे जान से मारने की धमकी देते है, इसके बाद औरतो को अति असम्मानजनक स्थिती में घुमाया जाता हैं। 

सोशल मिडिया पर यह विडियो आते ही शासन-प्रशासन में हडकंप मच गया, आज चारो और केवल इसी कृत्य की निन्दा हो रही है कि कुछ लोग कैसे केवल अपने स्वार्थ के लिए ऐसे घिनौने कृत्य के लिए तैयार हो जाते हैं, जिसमें उन्हें समाज और देश की मर्यादा का भी कुछ भान नहीं होता है। 

क्या है पुरी घटना?

यह घटना मणिपुर में विरोध के समय 4 मई की बताई गई है, जिसका विडियो बुधवार को सोशल मिडिया पर वायरल हुआ था, यह घटना मणिपुर की राजधानी इम्फाल से करीब 35 किलोमिटर दूर कांगपोकली जिले की है, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर कुछ लोग ले जाते हुए दिखाई देते हैं, विडियो के सामने आने के बाद दो आरोपियों को हिरासत में लेकर उनकी मौत की सजा की बात की जा रही है, ऐसी जानकारी एक प्रेस काॅन्फ्रेंस के माध्यम से वहां के मुख्यमंत्री ने साझा की। 

ऐसी शर्मनाक घटना का विडियों सामने आने के बाद देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गुस्से से भरा हुआ हूँ, तथा यह घटना भारत की सम्पूर्ण जनता केा शर्मशार करने वाली घटना है, जिसपर जल्द से जल्द कार्यवाही का भी उन्होने आश्वासन दिया। 

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश के सभी मुख्यमंत्रीयों से यह अपील करना चाहता हूँ कि वे सभी देश के प्रत्येक राज्य में कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए हर संभव प्रयास करें तथा साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर संभव कार्य किया जाना चाहिए। 

वहीं इस मामले पर सुप्रिम कोर्ट ने केन्द्र व मणिपुर से कहा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर या अन्य किसी भी स्वार्थ के लिए महिलाओं को हथियार की तरह काम में लिया जाना कभी भी स्वीकार नहीं किया जायेगा। कोर्ट ने आगे कहा कि सरकार उन कार्यो से हमे अवगत कराये जो उन आरोपियों के खिलाफ आपने किये है। 

मामले में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, वहीं आक्रोशित भीड़ ने आरोपियों में से एक का घर आग के हवाले कर दिया।

जगह-जगह पर लोग काले कपड़े पहनकर इसकी निंदा कर रहे हैं, आरोपियों के लिये फांसी की मांग की जा रही है।

आदित्य ठाकरे  ने उक्त मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपियों को जल से जल्द सजा देने के साथ ही मणिपुर की सरकार को भंग करके वहाँ राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए

सेलिना ने कहा कि मणिपुर के इस वीडियो को देखने के बाद से मैं ना तो कुछ कर पा रही हु, न ही कुछ कह पा रही हु, ऐसी घटना का होना वास्तव में समाज के लिए शर्मसार करने वाला है, मेरा पूरा शरीर दर्द से कांप रहा है, वजह चाहे जो भी हो महिलाओं पर हिंसा एक अपराध है।