भारत मे राष्ट्रपति चुनाव 2022

भारत मे राष्ट्रपति चुनाव- 2022




विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में एक बार फिर चुनावी युद्ध का बिगुल बज चुका है, हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी पार्टियां अपने-अपने  उम्मीदवार को इस विश्वास से नामांकित कराती है ताकि, वह पार्टी विजयी हो। परन्तु ये चुनाव आम नहीं अपितु बहुत ही खास पद के लिए होने जा रहें हैं जो कि है राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव।



भारत मे सर्वप्रथम राष्ट्रपति चुनाव -1952


जब भारत सन 1950 में एक गणतंत्र बना उस वक्त संविधान सभा द्वारा राजेन्द्र प्रसाद को राष्ट्रपति पद हेतु चुना गया था ।

जबकि भारत मे सर्वप्रथम 1952 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव करवाये गए थे जिसमें राजेंद्र प्रसाद विजयी हुए थे, गौरतलब है कि इस चुनाव में 4 निर्दलीय प्रत्याशी भी राजेन्द्र प्रसाद के सामने खड़े हुए थे। राजेन्द्र प्रसाद  1962 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में विधमान थे।


2022-राष्ट्रपति चुनाव  कब होगा ?


भारत मे वर्तमान में श्री रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति के पद पर विराजमान हैं, वे भारत के  राष्ट्रपति हैं, जिनका कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव आयोग इससे पहले ही चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करना चाहता है।
 चुनाव हेतु 18 जुलाई को मतदान तथा 21 जुलाई को मतगणना करवाई जाएगी जिससे भारत के अगले राष्ट्रपति के बनने का रास्ता साफ होगा।

भारत मे राष्ट्रपति चुनाव के लिए योग्यता :-

भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को निम्नलिखित योग्यता पूरी करनी आवश्यक है-

1. वह आवश्यक रूप से भारत का नागरिक हो.

2. 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो.

3. लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो.

4.राष्ट्रपति के पद के लिए उम्मीदवार का नाम कम से कम 50 मतदाताओं के द्वारा अनुमोदित हो तथा 50 मतदाताओं के द्वारा  प्रस्तावित हो।


कौन करवाता है राष्ट्रपति चुनाव ?


भारत में आम या खास सभी प्रकार के चुनावों को सम्पन्न करवाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है।
चुनाव आयोग राष्ट्रपति चुनाव हेतू सूचना जारी करता है तथा प्रशासन की सहायता से सभी प्रकार की व्यवस्था करता है, जिससे चुनाव की प्रक्रिया आसानी से पूरी करवाई जा सके।

राष्ट्रपति चुनाव में कौन भाग लेगा?

भारत मे राष्ट्रपति पद का चुनाव सीधे जनता द्वारा निर्धारित नही करके, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियो द्वारा किया जाता है।

राष्ट्रपति चुनाव में वोटर्स कोन होते हैं ?

राष्ट्रपति चुनाव के लिए  दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य तथा इसके साथ ही राज्य की विधानसभा के चुने हुए विधायक शामिल होते हैं।

2022 के राष्ट्रपति चुनाव के लिये चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार इस बार कुल 4,896 वोटर्स चुनाव की प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे।


राज्यसभा- 233 सदस्य
लोकसभा- 543 सदस्य
राज्यों की विधानसभा- 4,120 सदस्य
कुल सदस्य- 4896


राष्ट्रपति चुनाव के लिए सांसदों तथा विधायकों की वेट वैल्यू क्या होती है?


देश के राज्यों के सभी विधायकों के वोट का वैल्यू 5 लाख 43 हज़ार 231 है।
वहीं, लोकसभा के सांसदो का कुल वैल्यू 5 लाख 43 हजार 200 है।


सांसद तथा विधायको के वोट का वैटेज क्या होता है ?


राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने वाले सांसद तथा विधायक के वोट का वेटेज अलग-अलग होता है।
दो अलग अलग राज्यों के विधायकों के वोट का वेटेज भी अलग अलग होता है।
वेटेज के लिए राज्य की आबादी मुख्य मानक होता है, इसके लिए राज्य की जनसंख्या को चुने हुये विधायक की संख्या से बांटा जाता है, और उसमे 1000 का भाग दिया जाता है।
इसके बाद जो अंक मिलता है, वह उस राज्य के वोट का वेटेज होता है।


भारत मे राष्ट्रपति चुनाव का सामान्य तरीका न होकर एक विशेष प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति पद का चुनाव किया जाता है। इसके लिए भारत मे  एकलसंक्रमणीय मत प्रणाली का  उपयोग किया जाता है।


उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा तथा राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य द्वारा किया जाता है जबकि राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य करते हैं।


इलेक्टोरल कॉलेज में इसके सदस्यों का अनुपातीत प्रतिनिधित्व होता है।
यहाँ पर उनका एकल मत हस्तनान्तरित होता है, पर उनकी दूसरी पसंद की भी गिनती होती है। इस प्रक्रिया को सिंगल वोट ट्रांसफरेबल सिस्टम या एकलसंक्रमणीय मत पद्धति कहते हैं।

राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल, जिसे इलेक्टोरल कॉलेज भी कहा जाता है, करता है।
इसका वर्णन भारत के संविधान के अनुच्छेद 54 में मिलता है।
अर्थात जनता अपने राष्ट्रपति का चुनाव सीधे नही करती, बल्कि उसके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि करते हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में कौन भाग नहीं ले सकता

1. राष्ट्रपति चुनाव में जनता प्रत्यक्ष रूप से हिस्सा नहीं ले सकती।

2. राष्ट्रपति चुनाव में  राष्ट्रपति द्वारा चुने गए सदस्य भी हिस्सा नही  ले सकते।

3. राज्यों की विधान परिषद के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नही ले सकते हैं।


राष्ट्रपति चुनाव का तरीका :-

भारत के राष्ट्रपति चुनाव में मतदाता सामान्य तरीके से इतर वोटिंग करता है ,जैसे :-

राष्ट्रपति चुनाव में मत देने हेतू विधायकों को गुलाबी मतपत्र जबकि सांसदो को हरे मत पत्र दिए जाते हैं। इसके अलावा मतदाताओं को चुनाव आयोग द्वारा विशेष पेन दिए जाते हैं जिससे वे अपना मत रिकॉर्ड कर सकें।

मतदाता कई उम्मीदवारो को अपनी प्राथमिकता के आधार पर वोट देता है , अर्थात वह बैलेट पेपर पर बताता है कि उसकी पहली पसंद कौन है और दूसरी, तीसरी कौन।

यदि पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो सका, तो उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है। इसलिए इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है।
इस प्रकार राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को सम्पन्न करवाया जाता है।



2022 में भारत का राष्ट्रपति कौन?

हालांकि यह तो चुनाव प्रक्रिया से तय किया जाएगा कि भारत का अगला राष्ट्रपति को होगा, मगर इसी बीच भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी नें  21 जून को द्रोपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।

कौन हैं द्रोपदी मुर्मू ?

द्रोपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के मयूरभंज में हुआ। द्रोपदी मुर्मू अगर भारत की राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो वे भारत की पहली आदिवासी महिला होंगी जो भारत की राष्ट्रपति बनेंगी।

मुर्मू एक सक्रिय राजनेत्री तथा एक समाजसेविका हैं, जो झारखंड राज्य की गवर्नर भी रह चुकी हैं।

द्रोपदी मुर्मू का राजनीतिक जीवन :-

- मुर्मू भारत की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार चुनी गई हैं, परंतु मुर्मू ने अपने जीवन की शुरुआत 1997 में राईरंगपुर के एक पार्षद के रूप में की।

- इसके बाद वो भाजपा की आदिवासी मोर्चा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं।

- सन 2000 में मुर्मू भाजपा टिकट से मयूरभंज की विधायक चुनी गई।

- 2007 में मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2009 में मुर्मू एक बार पुनः मयूरभंज की विधायक चुनी गई।

- सन 2015 में मुर्मू झारखंड राज्य की राज्यपाल चुनी गई, गौरतलब है कि यह पहला मौका था जब कोई आदिवासी महिला झारखंड राज्य की राज्यपाल चुनी गई हों।
- 2022 में मुर्मू भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद राष्ट्रपति हेतु नामित हैं ।


 राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार कौन ?

यशवंत सिन्हा 2022 राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।

यशवंत सिन्हा भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री के पद पर रह चुके हैं। सिन्हा को सभी विपक्षी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार के रूप में घोषित किया है।