महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम











महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम रूकने का नाम नहीं ले रहा] जहां एक और विपक्ष लगातार सरकार के दावों की पोल खोलने की बात करता है] वहीं दूसरी और शिंदे सरकार का पलड़ा भारी होता दिखाई दे रहा है] ताजा खबरों के मुताबिक अब एन. सी. पी. के चीफ अजीत पंवार भी जल्द ही महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री के रूप मे शपथ लेने की तैयारी कर रहें हैं।

सूत्रों की मानें तो अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं A राज्य में कुल 53 एनसीपी विधायकों में से 30 जाहिर तौर पर अजित पवार के साथ हैं] जो राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं] अजित पवार ने दिन में मुंबई में अपने आधिकारिक आवास देवगिरि में पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों से मुलाकात की और इसके बाद राजभवन पहुंच गए] बैठक में राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले उपस्थित थेA



महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम



महाराष्ट्र में सियासी हलचल एक बार फिर गर्म हो गयी है। मगर इस बार पार्टी के बागी विधायकों के तेवर कुछ अलग दिखाई देते हैं। महाराष्ट्र में हर पल सियासी समीकरण बदलते नज़र आ रहें हैं, जिनके बारे में आज हम यहाँ बात करेंगे trendinggyanin के साथ।

महाराष्ट्र में किसकी सरकार है ?


सरकार बनने के बाद से ही लगातार सरकार में हो रहे बगावत तथा विरोध के बाद यह सवाल मन मे उठना लाजिमी है कि आखिरकार महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी कौनसी है।

वर्तमान महाराष्ट्र में कोई अकेली पार्टी सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी। इस कारण महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबन्धन की (महाविकास अघाड़ी) सरकार है।

महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम की शुरुआत:-


महाराष्ट्र में इस घटनाक्रम की शुरुआत सोमवार को हुए महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव को बताया जा रहा है। इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग के चलते बीजेपी जो अल्पमत में थी उसके 5 उम्मीदवारों ने इस चुनाव में जीत हासिल की जबकि सत्ताधारी  शिवसेना तथा एनसीपी के केवल 2-2 जबकि कांग्रेस का केवल एक ही उम्मीदवार जीत दर्ज करवा पाया । इस चुनाव के बाद पार्टी के साथ धोखा जैसे बातें सामने आने लगी तथा इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार के विधायक एकनाथ शिन्दे समर्थित विधायकों के साथ गुजरात चले गए।

कौन हैं एकनाथ शिन्दे ?

महाराष्ट्र के सियासी घमासान में एकनाथ शिन्दे का नाम बार बार लिया जा रहा है। हम आपको बताते हैं, एकनाथ शिन्दे वर्तमान महाराष्ट्र में ठाणे के  कोपरी-पछपाखडी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा सदस्य हैं, गौरतलब है कि शिन्दे महाराष्ट्र में 2004, 2009, 2014, तथा 2019 में लगातार जनता द्वारा चुने गये है।

महाराष्ट्र में जीत का गणित क्या है ?

महाराष्ट्र में जहाँ सरकार बनने के बाद लगातार विरोध होता दिखाई दे रहा है, वहाँ सरकार बनाने का गणित समझने की कोशिश करते हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, परंतु एक सदस्य की मौत के बाद यहाँ कुल 287 सदस्य बचते हैं।


महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कुल 144 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ती है, परंतु वर्तमान में सत्तारूढ़ पार्टी के पास 169 विधायक थे। जिसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 53 तथा कांग्रेस के 44 विधायक शामिल थे।
इसके अलावा सपा के2, 9 निर्दलीय, 3 बीवीए तथा पीजीपी के 2 विधयकों का समर्थन भी सरकार को हासिल था।

महाराष्ट्र में बीजेपी की स्थिति

एक ओर जहां महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज है, वहीं हम बात करते हैं भारत की केंद्रीय पार्टी तथा महाराष्ट्र की मजबूत विपक्ष के बारे में -

बता दें विपक्ष के पास वर्तमान में 113 विधायक हैं। इसमे बीजेपी के 106 विधायक, 5 निर्दलीय, 1 जेएसएस  तथा एक आरएसपी विधायक शामिल है।
वही अन्य दलों के पास भी 5 विधायक हैं जो जरूरत पड़ने पर सरकार बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

वर्तमान सरकार की स्थिति क्या है?

वर्तमान में यह बताया जा रहा है कि लगभग 26 विधायक (वर्तमान तक) जो उद्धव सरकार के साथ थे अब उन्होंने राज्यपाल से मिलकर अपना समर्थन वापस लेने की सिफारिश की है, अगर यह होता है तो महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के पास 143 विधायक ही शेष बचेंगे उस पर भी यदि अन्य छोटी पार्टीयों ने उद्धव सरकार का साथ छोड़ा तो उद्धव ठाकरे के लिए सरकार बनाये रखना मुश्किल हो जाएगा।

महाराष्ट्र में किसके पास क्या विकल्प हैं ?

1.राज्यपाल:-

 राज्यपाल स्वविवेक शक्ति के तहत फैसला ले सकते हैं कि यदि मौजूदा सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है या नहीं। राज्यपाल भी मंत्रीपरिषद की सलाह के आधीन है परंतु अपने स्वविवेक से भी वे फैसला लेने ले किये स्वतंत्र हैं।

स्पष्ट बहुमत की पुष्टि के लिए राज्यपाल वर्तमान सरकार से फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते हैं अथवा बहुमत साबित करने का निर्देश दे सकते हैं।
दूसरी ओर देखे तो जब तक बागी विधायक लिखित में राज्यपाल को अपना समर्थन वापस लेने की नही कहते तब तक मौजूदा सरकार बनी रहेगी।
इसके अलावा राज्यपाल सुनिश्चित करेंगें की यदि मौजूदा पार्टी ने बहुमत खो दिया है तो वे विपक्षी पार्टी के साथ मीटिंग कर उन्हें पार्टी बनाने का प्रस्ताव दे सकते हैं।
मौजूदा विपक्ष पार्टी अगर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है तो राज्यपाल विधानसभा भंग का आदेश पारित कर सकते हैं।

2. एकनाथ शिन्दे 

एकनाथ शिन्दे जो बागी विधायकों में सबसे प्रमुख माने जा रहे हैं उनके पास भी निम्न विकल्प हो सकते हैं-
. या तो शिंदे बागी विधायक ग्रुप को राज्यसभा से मान्यता दिलाये तथा अपना एक स्पष्ट नेता तय करे जिसकी अगुवाई में वे सरकार बना सके।

. या हो शिन्दे शिवसेना पार्टी पर ही दावा कर सकते हैं।

. या फिर शिन्दे किसी भी अन्य पार्टी में शामिल होकर सरकार बना सकते हैं।

3. भाजपा :-

जब तक उद्धव सरकार संवैधानिक रूप से अल्पमत में नहीं आती है तब तक बीजेपी सरकार बनाने का दावा नहीं कर सकती है।
इसलिए बीजेपी के पास वर्तमान में रुकने के अलावा अन्य कोई विकल्प दिखाई नहीं देता है।

महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस का बयान- 
कांग्रेस ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि उसके सभी विधायक पार्टी के साथ है तथा लगातार कांग्रेस के सम्पर्क में हैं।
महाराष्ट्र में सियासी बवाल केवल शिवसेना का अपना अंदरूनी मामला है।

वहीं कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया है।