महाराष्ट्र में गहराता राजनीतिक संकट

महाराष्ट्र में बागी विधायकों के मोर्चा खोलने के बाद से ही राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। उद्धव सरकार विधायकों को अपनी तरफ मिलने का पुरजोर प्रयास कर रही है मगर वह इसमे सफल होती नहीं दिख रही। बागी विधायकों के साथ न आने पर अब महाविकास अघाड़ी सरकार के लोगों तथा बागी विधायकों के बीच जुबानी जंग का दौर जारी है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद से ही यह संकट गहराता चला गया, और जब बागी गुट के एकनाथ शिन्दे अपने समर्थित विधायकों के साथ महाराष्ट्र से चले गए तो यह विरोध खुलकर सामने आया।

तो चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि अब तक महाराष्ट्र की राजनीति में क्या- क्या हुआ ?

फ्लोर टेस्ट की मांग


महाराष्ट्र में विरोधी बीजेपी पार्टी ने अब सही मौका देखकर फ्लोर टेस्ट की मांग राज्यपाल से कर दी है।

बीजेपी का कहना है कि मौजूदा सरकार अल्पमत में है उनके पास विधायक संख्या कम है इसलिए अब राज्यपाल को उनसे फ्लोर टेस्ट का आदेश देना चाहिये।

फ्लोर टेस्ट पर क्या होगा रिएक्शन?

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के पास संख्या बल कम है ऐसे में उद्धव सरकार चाहेगी की सुप्रीम कोर्ट बागी विधायकों के अयोग्य ठहराये जाने वाले मामले की सुनवाई पहले करे ताकि शिन्दे गुट के विधयकों का संख्या बल भी कम हो।

महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कल

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कल 30 जून को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है जिसका मतलब अब फ्लोर टेस्ट होना तय है ।

राज्यपाल का कहना है कि बागी विधायक पहले ही महाविकास अघाड़ी से अलग होने की घोषणा कर चुके हैं ऐसे में फ्लोर टेस्ट का रास्ता साफ है।

उद्धव सरकार की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी

उद्धव सरकार ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जहाँ उनकी अर्जी स्वीकार कर ली गयी है।

अब आगे क्या
सुप्रीम कोर्ट इस अर्जी पर आज शाम को सुनवाई करेगा जिसमे यह तय होगा कि कल राज्यपाल के आदेशानुसार फ्लोर टेस्ट होगा या नहीं।