फ्रांस में हिंसा
फ्रांस मे 27 जून को अल्जीरियाई मूल के 17 साल के युवक की पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या कर देने की घटना ने एक और जहां फ्रांस के लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, वहीं सभी देश भी अपने यहां के अवैध शरणार्थियों के बारे में सोचने पर मजबूर हो गये हैं।
फ्रांस में 27 जून की घटना के बाद से ही पूरे पेरिस में हिंसा व तनाव का माहौल बना हुआ है।
पिछले कुछ दिनों के अंदर फ्रांस में हजारों की संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया हैं, वहीं अब भी सरकार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं है।
पेरिस में शांति बनाये रखने व लोगों को अपने घरों में रखने की सलाह दी जा रही है, लोगो से अपील की जा रही है कि वो अपने बच्चों को इससे दूर रखें , इसी के साथ 45000 स्पेशल फाॅर्स के जवान कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहें है।
फ्रांस में गुस्साई भीड़ ने हजारों गाडियों को आग के हवाले कर दिया है, स्कूल, कॉलेज, कॉफी शॉप, बिल्डिंग आदि सार्वजनिक सम्पति को लगातार टारगेट किया जा रहा हैं, वहीं दुसरी और बाकी देश भी ऐसी स्थिती से निपटने के लिए अभी से तैयारी कर रही हैं।
फ्रांस में हिंसा पर ब्रिटेन का रिएक्शन
फ्रांस में हो रही हिंसा को ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने आदेश जारी किया है, कि लोगों द्वारा किये जा रहे किसी भी प्रकार के आदोंलनो पर नजर रखी जाये व पुलिस को इस प्रकार के किसी भी आंदोलन को रोकने की इजाजत दी गयी है, जिसमें किसी भी प्रकार की हिेसा या उससे जुड़ी कोई भी घटना होनी की आशंका हो।
फ्रांस हिंसा पर पोलेंड का रिएक्शन
फ्रांस में हो रही
हिंसा से सबक लेते हुए पोलेंड ने अपने देश की सीमा पर निगरानी व चैकसी को और भी
ज्यादा बढा दिया है, जिसके
तहत पोलेंड ने सीमा पर काउंटर टेरेरिस्ट व एंटी राॅइट की 500 यूनिट तैनात कर दी है। इसके अलावा 5000
बाॅडर गार्ड व 2000 अतिरिक्त सेनिकों की तैनाती कर दी है।