Chandrayaan-3
इसरो जल्द ही चन्द्रयान-3 मिशन को लांच करने के बारे में विचार कर रहा है, जिसके तहत इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि इसरो का चन्द्रयान-2 मिशन अपेक्षानुसार सफल नहीं हुआ था, जिसके बाद अब इसरो इस मिशन को लोंच कर रहा है, जो पिछले मिशन की कमियो को दूर करने के साथ ही नये कीर्तिमान भी स्थापित करेगा।
कब होगी लाॅंचिंग
रिपाॅर्ट के अनुसार इसरो चन्द्रयान-3 को जुलाई के ही महिने में लाॅच करने की तैयारियों कों अंतिम रूप देने का कार्य कर रहा है, जिसके तहत अब इसको असेंबल किया जा रहा है, इसके बाद इसका परीक्षण संबंधी कार्य पूरा होने के बाद जल्द ही इसे भेजा जा सकता है।
क्या है पूरा मिशन
चन्द्रयान-3 मिशन के तहत सबसे प्रमुख उद्देश्य इसे चन्द्रमा की सतह पर नार्मल लैंड करवाने से लेकर वहां के वातावरण को अध्ययन के साथ कई अन्य जानकारियां जूटाने का है।
लैंडर में चार रोवर में दो पेलोड
चंद्रयान.3 के लैंडर में चार पेलोड हैं, जबकि छह चक्के वाले रोवर में दो पेलोड हैं। इसके अलावा प्रोपल्शन मॉड्यूल में भी एक स्पेक्ट्रो.पोलरिमेट्री पेलोड है जो चंद्रमा के कक्ष से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवमिति माप का अध्ययन करेगा। सभी प्रकार के उपकरणो को बारिकी के साथ बनाया व परखा गया है, जो हमारे मिशन को संभावना को बढाते हैं ।
लैंडर रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में लगे पेलोड को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे कि वैज्ञानिकों को उनकी मदद से पृथ्वी के इकलौते प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिले। प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर को चांद के कक्ष के 100 किलोमीटर तक ले जाएगा।
क्या होगें उपकरणो के नाम
इसरो के अनुसार इस बार भी उन्हीं नामो का इस्तेमाल किया जाएगा जो चन्द्रयान-2 के लिए किये गये थे। अर्थात् लैंडर का नाम विक्रम व रोवर का नाम प्रज्ञान ही होगें।
कहां से लाॅंच होगा चन्द्रयान-3
चन्द्रयान-3 मिशन को सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से लांच किया जायेगा, जिसके मुख्य तीन भाग होगें, जिसमें पहला लेंडर, दूसरा रोवर और तीसरा ऑर्बिटर होगा।
इस बार के मिशन के लिए नये व पहले से ज्यादा अच्छे उपकरण बनाये गये हैं, जिनकी सहायता से इस बार का मुख्य मिशन चन्द्रमा की सतह पर सफल लैंडिग व बाद के इसके कार्य होगे।
लैंडर में चार रोवर में दो पेलोड
चंद्रयान.3 के लैंडर में चार पेलोड हैं, जबकि छह चक्के वाले रोवर में दो पेलोड हैं। इसके अलावा प्रोपल्शन मॉड्यूल में भी एक स्पेक्ट्रो.पोलरिमेट्री पेलोड है जो चंद्रमा के कक्ष से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवमिति माप का अध्ययन करेगा। लैंडर रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल में लगे पेलोड को इस तरह से तैयार किया गया है जिससे कि वैज्ञानिकों को उनकी मदद से पृथ्वी के इकलौते प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिले। प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर को चांद के कक्ष के 100 किलोमीटर तक ले जाएगा।
प्रधानमंत्री का संबोधन
चन्द्रयान-3 को लेकर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि यह हमारे देश के वैज्ञानिको के अथक प्रयास और उनके कठोर परिश्रम का ही नतीजा है कि भारत एक बार फिर से चांद को छूने के लिए निकल पडा है।
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